उज्जवल कुमार दूबे, विशेष संवाददाता आल इण्डिया
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सुलतानपुर के कादीपुर तहसील के बनगवांडीह में राजस्व विभाग की दबंगई
जहां एक तरफ सूबे की भाजपा सरकार गरीब व बेसहारा लोगों को न्याय दिलाने की बात करती है। जिस जिले की माननीय सांसद महोदया का बयान है कि हमारे क्षेत्र में किसी भी पीड़ित को न्याय के लिए भटकना नहीं पड़ेगा किसी भी जनता को कार्यालयों का बार -बार चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा ऐसे ही सुलतानपुर जिले के कादीपुर तहसील के ग्राम बनगवांडीह के पीड़ित शिवबहादुर पुत्र राम अजोर का प्रकरण हकीकत को बयां कर रहा है कि क्या वाकही में इन कादीपुर के राजस्व विभाग के अधिकारियों को सांसद जी का या भाजपा सरकार का कोई डर है मालूम हो कि पीड़ित शिव बहादुर पुत्र राम अजोर निवासी ग्राम बनगवांडीह थाना अखण्ड नगर के घर व पशुओं की सरिया जमींदारी उन्मूलन के पहले से ही आबादी की जमीन पर बना हुआ था जिसमें शिवबहादुर का परिवार कई पीढ़ी से रह रहा था घटना 14/07/19 की है जिसमें प्रार्थी के विपक्षी राम प्रकाश राम प्रवेश पुत्र राजदेव रंजिश बस अपने दबंग *रिश्तेदार सहायक चकबंदी अधिकारी महेंद्र पुत्र रामलखन जो कि तहसील आलापुर अम्बेडकर नगर में तैनात हैं* के बल पर उनको लेकर एसडीएम महोदय कादीपुर से मुलाकात करवाकर राजस्व विभाग ने मय पुलिस बल द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना व नोटिस के सहायक चकबंदी अधिकारी महोदय की उपस्थिति में अचानक ही पहुंचकर दिन में 2बजे इस गरीब की वर्षों पुरानी पशुओं की सरिया व घर को ध्वस्त किया जाने लगा व पशुओं को खोलकर बाहर भगा दिया गया इस कहर को देखकर पीड़ित शिवबहादुर ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर जैसे ही राजस्व टीम द्वारा इसके बारे में कुछ पूछने की कोशिश की गई तो पीड़ित उसके परिवार को राजस्व टीम व पुलिस बल द्वारा भद्दी भद्दी गालियाँ व फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियां देते हुए भगा दिया गया व सरिया व घर गिरा कर ध्वस्त करवा दिया गया जिसकी सूचना पीड़ित ने डी एम व सांसद महोदया को प्रार्थना पत्र के माध्यम से दिया था जिसमें एसडीएम महोदय कादीपुर को निर्देश भी दिया गया था लेकिन महीनों बीतने वाले हैं अभी तक विपक्षी गुणों के ऊपर कोई कार्य वाही नहीं हुई पीड़ित न्याय के लिए दर दर भटकने को मजबूर है अब देखना यह है कि जिले में तैनात तेजतर्रार डीएम व सांसद महोदया के आदेशों का कितनी कडाई से पालन होता है और विपक्षी गणों व उनके रिश्तेदार महोदय के ऊपर कार्यवाही कर पीड़ित को न्याय कब मिलता है। कब एसडीएम महोदय को आदेश का पालन करने का समय मिलता है और पीड़ित को न्याय मिलता है।