राज्य के 16 जिलों में लगे 16,450 पौधे सन्न 2022 में भारत की आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ तक अपने – अपने विद्यालयों में 75 पेड़ों का उपवन विकसित करने के इरादे के साथ राजस्थान के 16 जिलों के सैंकड़ों शिक्षकों ने एक विशेष अभियान के तहत पौधारोपण किया है इस अभियान का नाम है ‘पारिवारिक वानिकी आज़ादी 75’ जिसके प्रणेता बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज में समाजशास्त्र के एसोसियेट प्रोफ़ेसर श्यामसुन्दर ज्याणी हैं जिन्होंने सभी स्कूलों के लिए निशुल्क पौधों की व्यवस्था की ।
ज्याणी साल 2006 में पारिवारिक वानिकी की अवधारणा का विकास कर अब तक क़रीब 9 लाख पौधारोपण करवा चुके है।इस कार्य हेतु उन्हें राष्ट्रपति और राजस्थान की मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित किया जा चुका है साथ ही कई लिम्का बुक रेकॉर्ड्स ज्याणी के नाम दर्ज है।
ज्याणी ने बताया कि भारत में क़रीब आधे बच्चे कुपोषित हैं और विश्व भूख सूचकांक में भी हमारी स्थिति दयनीय है स्कूलों में फलदार पेड़ पनपाकर हम पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ बच्चों के भोजन में फल को शामिल कराकर कुपोषण के ख़िलाफ़ जंग को जीत सकते हैं। इसी मक़सद से इस अभियान की शुरुआत की गयी है और अपने मित्रों की मदद से व वेतन से प्रत्येक स्कूल को पौधे उपलब्ध करवाए हैं । यह अभियान प्रदेशव्यापि स्वरूप ले इस हेतु राज्य संयोजक अंशुल जैन बिजौलिया ने विशेष मेहनत करके 16 जिलों में ज़िला संयोजक बनाकर 230 स्कूलों में पौधे रोपित करवाए।
राज्य संयोजक अंशुल जैन बिजौलिया ने बताया कि 16 जिले की 230 स्कूलों में एवम 12 सार्वजनिक स्थानों में पारिवारिक वानिकी आज़ादी 75 अभियान के तहत 16,450 पौधों का रोपण सम्बंधित जिला संयोजक की मदद से विद्यालयों के शिक्षकों की भागीदारी से किया गया । पारिवारिक वानिकी पेड़ को परिवार और संस्थान का सदस्य मानकर उसको पोषित करने पर बल देती है रेगिस्तान में पौधे को बनाने के लिए ऐसा भाव आवश्यक है। शिक्षकों की इस अनूठी हरित देशभक्ति से विद्यार्थी व अभिभावक भी खासे प्रभावित हैं और पारिवारिक वानिकी के विचार से जुड़कर पौधारोपण कर रहे हैं।।