ब्लात्कार का दोषी कौन , इस विषय पर प्रकाश डाल रहें हैं हमारे मुख्य संवाददाता कानपुर दिलशाद अहमद, लिंक ओपन कर अवश्य पढें।

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ब्यूरो चीफ दिलशाद अहमद क्राइम रिपोर्टर मोहम्मद उमर

बलात्कार का दोषी कौन ??

इस देश की विडम्बना है कि हर जुल्म के लियें कानून बना है उसके लियें सजा का प्रावधान भी है पर कानून का पालन न तो देश के सुरक्षा तंत्र करते हैं और न ही देश की जनता तभी तो अपराध कों बढ़ावा मिलता है । इन दिनों देश में उस सरकार का शासन है जिसने देश की जनता से चुनाव के पहले ये वादा किया था के देश से भ्रष्टाचार सहित अन्य सभी समस्याओं पर काम करेंगें और भारत में क्राइम रेट में कमी लायेंगे पर वास्तव में दूसरे चरण के बाद भी स्थिति जस की तस है।

आज हम बात कर रहें है देश की उस मुख्य समस्या की जिसकी वजह से हमारा देश पूरे विश्व में बदनाम हो रहा है ।बलात्कार एक ऎसा जघन्य अपराध है जिसकी परिभाषा मात्र से ही इंसान तो क्या ईश्वर की भी आत्मा कुंठित हो जाती है । इस देश में ऎसे कई बलात्कार हुए जिन्होंने देश ही नही बल्कि विदेशों में भी हलचल का माहौल पैदा किया जिनमें से एक था निर्भया कांड जो भारत की राजधानी में ही घटित हुआ देश का दुर्भाग्य है कि लगभग 10 साल बाद भी अपराधियों कों फांसी नही हुई ।ऎसा नही है कि देश में आयी सरकारों ने बलात्कार पर कानून में संशोधन नही किया संशोधन तो किया पर इन संशोधनों का देश में कोई व्यापक असर देखने कों नही मिला। स्थिति इसके उलट चली गई और देश में अब मानसिक कुत्सित लोग छोटी छोटी बच्चियों कों अपनी हवस का शिकार बनाने लगे । क्या जनता और क्या नेता बलात्कारी हर वर्ग हर धर्म में पायें जाने लगे अभी ताजा मामला उन्नाव का रहा जहां एक बाहूबली नेता ने एक लड़की कों अपनी हवस का शिकार बनाया जिसमें पुलिस ने बाहुबली नेता कों बचाने के काफी प्रयास किये उसी प्रकार गत शुक्रवार कों कानपुर शहर के रायपुरवा थानान्तर्गत एक 13 साल की कक्षा 6 की मासूम बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार हुआ इसकी शिकायत बच्ची के परिवार ने थाने में पुलिसवालों से की पर पुलिस की महिमा हमेशा की तरह अपरम्पार रही पुलिस ने दोषियों पर कोई कार्यवाही नही की जिसके बाद रेप पीड़ित बच्ची कों मोहल्ले से तरह तरह के ताने मिलने शुरू हुए अब बच्ची मोहल्ले की महिलाओं के ताने व पुलिस की उपेक्षा से आजिज हो गई और उसने फांसी लगाकर अपनी ईह लीला समाप्त कर ली अब हमारा सम्पूर्ण देश की जनता से ये सवाल है कि इस मामले में दोषी कौन था वो लोग जिन्होंने बच्ची का बलात्कार किया या वो लोग जिन्होंने ने बच्ची का साथ नही दिया यानी के पुलिस। क्या पुलिस भी उतनी ही दोषी नही जितना बलात्कारी है ये उस दिवगंत लड़की का सवाल है हर हिन्दुस्तानी से है कि आखिर कब तक इस देश में बच्चियों के साथ क्रूरता करनें वालों कों पुलिस यूं ही बचाती रहेगी यदि इस केस में रायपुरवा थाना पुलिस ने समय से कार्यवाही की होती तो आज बच्ची हम सबके बीच होती।

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