साहिबाबाद पुलिस ने देशभर में कुख्यात ईरानी गैंग की ग्वाला यूनिट के कमांडर को गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बृहस्पतिवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि मुरादाबाद निवासी कमांडर शातिर लुटेरा है, जो साथियों के साथ मिलकर लूटपाट की वारदातों को अंजाम देता है। यह गैंग मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में सक्रिय है। गैंग के कमांडर ने अपने साथी के साथ करीब 15 दिन पहले साहिबाबाद क्षेत्र में रुपयों से भरा बैग लूटा था।
गौरतलब है कि गत 11 सितंबर को मोहननगर पीएनबी में टारगेट चिन्हित कर अमन फायरोटेक प्रा.लि. के कैशियर से बाइक सवार दो बदमाशों ने आनंद औद्योगिक क्षेत्र मोहननगर में ढाई लाख रुपये से भरा बैग लूट लिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी थी। पुलिस ने बैंक की सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो उसमें एक संदिग्ध कैद हुआ, जिसकी कद-काठी लूट करने वाले बदमाश से मिलती जुलती थी। पुलिस ने उसे ट्रेस करने के बाद उसके साथी के बारे में पता लगाया।
पांच दिन पहले मुठभेड़ में पकड़ा गया था साथी
लूट करने वाले बदमाशों की पहचान ईरानी गैंग के सक्रिय सदस्य कुनील ग्वाला व गैंग के सरगना धर्मवीर सिंह के रूप में हुई। गत 21 सितंबर को कुनील मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था। कुनील ने पुलिस को गुमराह करने के लिए अपने मुखिया का नाम-पता गलत बताया था। लेकिन पड़ताल के बाद पुलिस ने मुखिया धर्मवीर सिंह को बृहस्पतिवार सुबह शनि मंदिर के पास दिल्ली बॉर्डर साहिबाबाद क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया।
10 साल से कई राज्यों की पुलिस कर रही थी तलाश
एसपी सिटी ने बताया कि धर्मवीर सिंह उर्फ धरमी उर्फ राजहंस उर्फ अरुण ग्लावा उर्फ राजन उर्फ दीपक शर्मा मूलरूप से रेलवे हर्थला कॉलोनी, मुरादाबाद का रहने वाला है। पश्चिम बंगाल की युवती से शादी करने के बाद वह करीब 15 साल से झांझीपाडा फाटाफोकर, थाना राजगंज, जिला जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में रह रहा था। एसपी सिटी ने बताया कि धर्मवीर के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलावा आसाम, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व पश्चिम बंगाल में लूट, डकैती व हत्या के 111 मुकदमे दर्ज हैं। कई राज्यों की पुलिस उसे करीब 10 साल से तलाश कर रही थी।