आचार्य श्री रामेश के सानिध्य में मुमुक्षु सुगुणा ने अपनाया संयम पथ
जोधपुर 1 दिसंबर श्री साधुमार्गी जैन परंपरा के राष्ट्रीय संत आचार्य श्री रामेश के सानिध्य में आज चतुर्मास के पश्चात आठवीं दीक्षा शेरगढ़ तहसील के चाबा गांव में विशाल जनसमूह की उपस्थिति में अत्यंत हर्षोल्लास एवं आनंद के साथ संपन्न हुई। इस अवसर पर आचार्य श्री ने फरमाया कि स्वयं में स्थित होना संयम है “साधु सलिला बादली चले भुजंग की चाल”। सलिला नहीं बादल भुजंग टेढ़े-टेढ़े चलते हैं वैसे ही साधु का विचरण भी टेढ़ा मेढ़ा होता है भुजंग जैसे ही बिल में जाता है सीधा प्रवेश करता है वैसे ही साधु को अपने मंजिल की गति को मंजिल के सीधे सामने रखना चाहिए ।साधु अपने लक्ष्य को लेकर चलता है। जो संयम में डूब जाता है वह तर जाता है संयम स्वर्ग के सुख के समान है शरीर का आवरण हट जाना बड़ी बात नहीं है मन पर पड़े आवरण को हटाना है। मन में पड़ी उलझनों को दूर करने की जरूरत है ।सामान्य व्यक्ति अपने मन की बात प्रकट नहीं करना चाहता संयम का मार्ग सलोना है इसमें अगर व्यक्ति रम जाए तो कहीं रुकावट नहीं आती। जीवन में रहे हुए सांसारिक संयोगो को भुलाकर हम आगे कदम बढ़ाने का लक्ष्य रखें ।प्रवचन के पश्चात दीक्षार्थी मुमुक्षु सुगना चोपड़ा द्वारा आचार्य श्री की उपस्थिति में सभी उपस्थित जनों से क्षमा याचना की गई ।उसके पश्चात दीक्षार्थी की परिवारजनों, जैन श्री संघ चाबा श्री साधुमार्गी जैन संघ जोधपुर, उपस्थित जैन एवम जैनेतर धार्मिक संगठन के पदाधिकारियों व जनमानस द्वारा आचार्य श्री के आव्हान पर हाथ खड़ा कर दीक्षार्थी को दीक्षा देने की अनुमति प्रदान की। तत्पश्चात नवकार मंत्र एवं “करेमी भंते “के पाठ से आचार्य श्री रामेश ने शिक्षार्थी सुगना चोपड़ा को आजीवन संयम पथ पर आरूढ़ होने की शपथ दिलवाई ।आचार्य श्री ने तत्पश्चात दीक्षार्थी बहन का संक्षिप्त परिचय देते हुए नव दीक्षिता का नामकरण श्री सुगुणा श्री जी म. सा के नाम से घोषित किया। उक्त अवसर पर जैन श्री संघ चाबा के अध्यक्ष नेमीचंद चौरडिया ,मंत्री कानराज चोपड़ा ,बीकानेर मारवाड़ अंचल के प्रभारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेमीचंद पारख , राष्ट्रीय प्रवक्ता महेश नाहटा ,तनसुख जैन ,जोधपुर संघ के पूर्व अध्यक्ष पारसमल सांखला, समता युवा संघ के अध्यक्ष राकेश चोपड़ा, महामंत्री अनिल सांखला ,मदनलाल सांखला आदि उपस्थित थे । मंच का संचालन गुलाब चोपड़ा महेश नाहटा द्वारा किया गया।