जोधपुर।हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक असंवैधानिक फैसले में कहा गया है कि “सार्वजनिक सेवाओं, नियुक्तियों व पदोन्नति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है और राज्य सरकारों द्वारा आरक्षण देना राज्य का संवैधानिक कर्तव्य नहीं है।” माननीय सर्वोच्च न्यायालय के उक्त फैसले से राजस्थान के साथ-साथ संपूर्ण भारतवर्ष में आरक्षित वर्ग में भय व भारी आक्रोश व्याप्त है इसी कड़ी में देचू व सेखाला में राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर ब्लॉक अध्यक्ष राज कटारिया व देवाराम भाटिया के नेतृत्व में अनेक शिक्षकों, समाजसेवियों व ग्रामीण जनों द्वारा राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ब्लॉक अध्यक्ष राज कटारिया व डां विशाल परिहार ने बताया कि सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में रिव्यू पिटीशन दाखिल करें और संविधान संशोधन द्वारा उक्त फैसले को खारिज करते हुए नौकरियों व पदोन्नतियों में आरक्षण को बहाल करते हुए इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करें अन्यथा राजस्थान शिक्षक अंबेडकर बाबा साहब अंबेडकर के द्वारा प्रदत आरक्षण के संरक्षण के लिए समस्त समाज को साथ लेकर सड़कों पर जन आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा । इस दौरान जिला उपाध्यक्ष रामुराम भाटिया, पूर्व ब्लाक अध्यक्ष दुर्गाराम विरठ,ब्लॉक मंत्री डां विशाल परिहार, जलाराम मेघवाल, तगाराम लवा,दीपाराम कड़ेला, दयाल राम, ललित कुमार कथीरिया,दुर्गा राम,जालाराम, फूलसिंह मीना,प्रियदर्शी राठोड़, शिवाराम, मूलाराम, इंद्रजीत परिहार, भगवान किशोर यादव,कैलाश पंवार, चैनाराम पंवार (समता सैनिक दल), तेजाराम, कर्णपाल सिंह, जितेंद्र, चनणाराम सहित कही शिक्षक व ग्रामीण मौजूद रहे ।