जैसा ही लोकडाउन खुले तोएक भेंट पुजारीजी के लिए भी ले के जाना : हार्दिक हुँड़िया

पुजारी जी : परमात्मा का परम भक्त

की लाइन टाइम्स न्यूज़@निर्मल जैन

विश्व कोरोना के चपेट में है ।हमारा देश भी इस का शिकार बन गया है । हमने कभी सोचा भी नहीं था की अंदाज़ित्त एक महीना घर बैठना पड़ेगा ? आगे क्या होगा पता नहीं ? देश के प्रधानमंत्री ने देश के कोने कोने में ऐसी व्यवस्था कर दी ना कोई आये या ना कोई जाये, उनका एक ही नारा था घर में रहे, सुरक्षित रहे । लोकडाउन के दरमियाँन मोदीजी ने थाली, शंख , ताली बजाने के साथ साथ दिया जलाने का भी आदेश दिया । अब एक बात सोचो की ये जहाँ रोज़ होता है वो परमात्मा का अनमोल स्थान यानी वो पवित्र भूमि जो हमारा मंदिर है वो जगह की तुलना हम किसीसे नहीं कर सकते और ना हमें ऐसा कोई पवित्र स्थान दुनिया में नहीं मिलेगा ?
हार्दिक हुँड़िया कहते है की हम रोज़ मंदिर जाते है । परम कृपालु परमात्मा के प्रति हम सभी की अनमोल श्रद्धा, हम लाखों,करोड़ों की बोलियाँ बोलने में एक पल का भी इंतज़ार नहीं करते, सुबह सब कुछ छोड़कर पहले परमात्मा की सेवा , पूजा और दर्शन । हमारे आँखो की तरह है हमारे परमात्मा और परमात्मा का मंदिर । कोरोंना की महा भयंकर बीमारी ना फ़ेले इस लिये मंदिर के दरवाज़े भी बंद हो गये। ऐसी गंभीर परिस्थिति ना कभी आई थी और ना हमने कभी सोची थी, ऐसे समय में अनमोल भूमिका किसी ने निभाई हो तो, वो है हमारे मंदिर के पुजारीजी , हम घर बैठे थे क्यूँकि ये रोग ना लग जाये ।पुजारी जी भी घर जाना चाहता था , उनके भी घर से फ़ोन आ रहे थे । हमारे मंदिर के पुजारीजी का फ़ोन आया की हार्दिक भाई घर वाले बार बार बुला रहे है की घर आजाओ ? क्या करूँ ? अनिल नाम के पुजारीजी को मैंने कहा की भाई तू आज २१ शाल से दादा की सेवा कर रहा है , ऐसे समय में हो सके तो मत जा , जैसा ही लोक डाउन खुले तो घर जा के आना । परमात्मा का परम भक्त पुजारीजी ने तुरंत कहा कोई बात नहीं । दादा के सुबह सुबह पक्षाल पूजा करने के बाद पूरा दिन पुजारीजी दादा की सेवा पूजा में बैठे रहते है , उनका का भी घर है , वो चाहते तो हमारी तरह रहने के लिये अपने घर चले जाते, लेकिन नहीं गये । अनमोल भूमिका निभाई है हमारे मंदिर के पुजारीजीओ ने, जो हम ना निभा शके ? हार्दिक हुँड़िया का कहना है की जैसा ही मंदिर लोकडाउन के बाद खुले तो दादा के दर्शन करने जाओ तब एक भेंट पुजारीजीओ के लिये भी ले के जाना । हमारा भवोभव सुधारने वाले परमात्मा का मंदिर हमारे पुजारीजीओ ने सम्भाला है । उनका सम्मान करना । शायद ऐसा परमात्मा का परम भक्त हमें कहाँ मिलेगा ? हम कहते है की पुजारीजी मंदिर के द्वार खोलो , दर्शन करने दो , क्यूँकि हमारे रोज़ का नियम है की पहले परमात्मा का दर्शन ।
देश के सभी मंदिरो को सम्भालने वाले पुजारीजीओ को हमारा कोटि कोटि वंदना ।
हार्दिक हुँड़िया – राष्ट्रीय अध्यक्ष
ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोंसीएसन।

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