Azhar Masood संसद, पठानकोट और पुलवामा जैसे हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करवाने की भारत की एक दशक से चल रही कूटनीतिक कोशिशों को अंतत: बुधवार को सफलता मिल गई। संयुक्त राष्ट्र की विशेष समिति ने पाकिस्तान में शरण पाये अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया।
संयुक्त राष्ट्र में वर्ष 2009 से ही इस बारे में भारत या दूसरे देशों की तरफ से लाये जाने वाले प्रस्तावों के खिलाफ वीटो पावर का इस्तेमाल करने वाले देश चीन ने एक दिन पहले ही संकेत दिया था कि वह अपना वीटो पावर हटा सकता है। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत व स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने यह जानकारी दी कि, ”मसूद अजहर यूएन की तरफ से आतंकी घोषित हो गया है। इसमें सभी बड़े छोटे देशों ने मदद की है। उन सभी देशों को मदद के लिए धन्यवाद।”
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के लिए एक विशेष समिति बना रखी है जिसे 1267 अल कायदा प्रतिबंध समिति के नाम से जाना जाता है। इस समिति के तहत घोषित आतंकियों को किसी भी देश में शरण देना ना सिर्फ मुश्किल होता है बल्कि उसके लिए फंड जुटाना भी मुश्किल होता है। अजहर पर प्रतिबंध लगाना इसलिए मुश्किल हो गया था कि हर बार चीन इसके खिलाफ वीटो पावर का इस्तेमाल कर रहा था। चीन के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह बताया कि उसने मसूद अजहर पर अपनी तकनीकी रोक (वीटो) को वापस ले लिया है। ऐसा अमेरिका, ब्रिटेन व फ्रांस की तरफ से पेश संशोधित प्रस्तावों का नए सिरे से अध्ययन करने के बाद किया गया है।