गणेश जैन फलसूण्ङ की लाइन टाइम्स, जिला ब्यूरो चीफ जैसलमेर
फलसूण्ड. क्षेत्र के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर टांके निर्मित होने तथा पाइपलाइन लगे होने के बावजूद उन्हें कनेक्शन से नहीं जोड़ा जा रहा है, जिससे बालक-बालिकाओं को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं आंगनबाड़ी पाठशालाओं पर पोषाहार पकाने को लेकर भी परेशानी हो रही है। बच्चें घरों से बोतलों में पानी लाने को मजबूर है, तो कुक-कम-हेल्पर आसपास स्थित घरों से घड़ों में पानी लेकर आती है। क्षेत्र के कई गांवों में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पेयजल का कोई स्त्रोत नहीं होने के कारण यहां बालक-बालिकाओं का भीषण गर्मी में परेशानी हो रही है, क्षेत्र में 44 आंगनबाड़ी केन्द्र व पाठशाला स्थित है। इस दौरान सात माह से तीन वर्ष तक के बच्चों को सप्ताह में एक बार पोषाहार दिया जाता है। तीन वर्ष से छह वर्ष तक के बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा कार्यक्रम से जोडकऱ शिक्षा दी जाती है, लेकिन उनके लिए यहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है।
पाइपलाइन लगाकर बना दिए टांके, नहीं आता पानी
क्षेत्र के फलसूण्ड, पारासर, नेतासर, मानासर, स्वामीजी की ढाणी, श्यामपुरा आदि गांवों में स्थित आंगनबाड़ी पाठशालाओं में ग्राम पंचायत की ओर से टांकों का निर्माण करवाकर पाइपलाइनें लगाई गई है, लेकिन जलदाय विभाग की ओर से उनमें कनेक्शन नहीं किए जाने के कारण ये टांके और पाइपलाइनें शो-पीस बने हुए है। जिससे बच्चों को अपने घरों से बोतलों में पानी लेकर आना पड़ता है। यदि पाठशाला समय के बीच में पानी खत्म हो जाता है, तो इस भीषण गर्मी के मौसम में बच्चों को खासी परेशानी होती है। कई बार ग्राम पंचायत व आंगनबाड़ी केन्द्रों की ओर से जलदाय विभाग से कनेक्शन करने की मांग की गई, लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।