नये वाहनो के रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक, जाने क्यो ??, आर.के.जैन, मुख्य संपादक,key line times

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नहीं करा सकेंगे नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन, सरकार ने लगाई पंजीकरण पर रोक…

(की लाइन टाइम्स बिजनेस डेस्क)

सरकार ने देशभर में सभी तरह की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी है। वहीं, रजिस्ट्रेशन पर रोक लगने से कई लोग और उद्योग-धंधों प्रभावित होंगे। यह रोक नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर (NIC) की ओर से लगाई गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रोक 2 मई से प्रभावी हो चुकी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआईसी ने यह रोक लगाई है। मंत्रालय ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि, हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट यानि एनएसएनपी को ‘वाहन’ डाटा के साथ नहीं जोड़ा गया था। मंत्रालय के निर्देश के बाद एनआईसी ने वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए ट्रांसपोर्ट मिशन मोड प्रोजेक्ट के पैन-इंडिया एप्लिकेशन ‘वाहन’ के एक्सेस को ब्लॉक कर दिया है।

*क्यों है जरूरी*
रिपोर्ट्स के अनुसार, “वाहन” डेसाबेस के साथ रजिस्ट्रेशन प्लेट इंटीग्रेशन को लेकर 4 अप्रैल को दिल्ली में परिवहन मंत्रालय समेत कई विभागों की बैठक हुई थी। इस कदम के बाद पूरे देश में किसी प्रकार के वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लग गई है। वहीं, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों पर यह आदेश प्रभावी नहीं होगा। क्योंकि इन राज्यों के पास वाहन से अलग अपना सॉफ्टवेयर है। इसलिए वे नए पंजीकृत वाहनों को आरसी जारी कर सकते हैं।

*क्या है नया नियम*
नियमों के मुताबिक, 1 अप्रैल 2019 से देश में चल रहे सभी प्रकार के वाहनों पर टेंपर प्रूप हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट यानि एचएसएनपी लगाना अनिवार्य है। इस प्लेट में इनबिल्ट सिक्योरिटी फीचर लगे हैं और पूरे देश में एक जैसी नंबर प्लेट लगेगी। सड़क परिवहन मंत्रालय ने 4 दिसंबर को 1 अप्रैल 2019 से सभी नए वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने की अधिसूचना जारी की थी।

*क्या हैं फीचर*
इस व्यवस्था के तहत नई गाड़ी खरीदने के बाद अब हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। परिवहन विभाग के आदेश पर वाहन निर्माताओं के वाहनों के साथ एचएसआरपी देना अनिवार्य है। वहीं, स्थानीय डीलरशिप को गाड़ी बेचने से पहले यह नंबर प्लेट लगाना जरूरी होगा। हाईसिक्योरिटी नंबर प्लेट पर कई सिक्योरिटी फीचर होंगे। यह एल्यूमीनियम से बनी होगी। इस पर रिफ्लेक्टिव टेप लगी होगी और टेंपर प्रूफ होगी। लेजर मार्क और होलोग्राम जैसे सुरक्षा उपाय होने से इसकी डुप्लीकेट कॉपी नहीं बनाई जा सकेगी, इसमें अशोक चक्र के साथ स्वंय खत्म होने वाला होलोग्राम लगा होगा।

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