Key line times
R.k.jai
Editor in chief
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चुनावी महापर्व के सम्पन्न पाँचवे चरण के मतदान और बदलते परिदृश्य पर विशेष-
लोकतंत्र का महापर्व धीरे धीरे अपने समापन की ओर बढ़ता जा रहा है और जो चुनावी महासंग्राम का महासमर समापन शुरू हुआ था वह अब छठें पायदान पर पहुंच गया है।इसके साथ ही इस महापर्व का चुनावी परिदृश्य भी बदलता जा रहा है और सभी मुख्य दल मतदाताओं के भरोसे अपनी अपनी पीठ खुद थपथपा रहे हैं। लोकतंत्र में प्यार मोहब्बत सेवा को राजनीति का आधार माना गया है जिसके बल पर मतदाता रूपी भगवान को खुश करके उसका आशीर्वाद रूपी वोट लेने की व्यवस्था है। इस समय चल रहे लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का चुनाव कल मतदान के साथ पूरे देश में समाप्त हो गया है। पांचवें चरण तक के संपन्न हुए चुनाव में जहां देश के अधिकांश भागों में मतदाताओं ने इसे महापर्व के रूप में हंसी खुशी के साथ मतदान करके पूरा किया वहीं लाल निशान वाले राज्य पश्चिम बंगाल में इसका स्वरूप लाल बनने लगा है। पश्चिम बंगाल एक बार फिर लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी पुरानी औकात में आकर लोकतंत्र के लिए लाल खतरे का निशान बन गया है। कल संपन्न हुए पांचवें चरण के चुनाव में जिस तरह से वहां पर मारपीट जोर जबरदस्ती की गई उससे एक बार फिर हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था शर्मसार हो गई है और प्रजातंत्र का सिर शर्म से झुका गया है। सत्ता पाने के लिए हिंसा का सहारा लेना लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है किंतु यह पश्चिम बंगाल का इतिहास रहा है कि वहां पर सत्ता पाने के लिए हमेशा सांप्रदायिक शक्तियों का सहारा लेते हुए लूटपाट व हिंसा का सहारा लिया गया है। हम इस लोकतंत्र के महापर्व में हुई हिंसक घटनाओं की निंदा करते है। पांचवें चरण के चुनाव में भले ही पश्चिम बंगाल में मारपीट हिंसा लूट की छुटपुट घटनाएं हुई हो लेकिन देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में मतदाता भगवान ने अपना जो स्वरूप इस भीषण गर्मी के बावजूद दिखाया वह सराहनीय रहा है। इस चरण के चुनाव के दौरान हो रही असहायहो भीषण गर्मी को न तो मतदाता ही बर्दाश्त कर पाया और न ही ईवीएम मशीनें ही बर्दाश्त कर पाई और दोनों गर्मी से बेहाल हो गए। भीषण गर्मी के चलते जहां मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग दिल खोलकर नहीं कर सके तो वहीं ईवीएम मशीनें भी दिल खोलकर निर्विघ्न रूप से कार्य नहीं कर सकी इसके बावजूद मतदान हंसी खुशी के माहौल में संपन्न हो गया है। संपन्न हुए तीसरे चरण के चुनाव में मतदाता भगवान ने किसे अपना वोट रूपी आशीर्वाद देकर विजयी साफा बांधा है इसका अंदाजा अभी तक नहीं लगा सकता है क्योंकि इस बार मतदाताओं की चुप्पी सभी मुख्य राजनीतिक दलों की बेचैनी को बढ़ा एवं नींद हराम कर रखा है। पांचवें चरण का चुनावी महासंग्राम भाजपा कांग्रेस एवं विपक्षी महागठबंधन के मध्य हुआ है और हार जीत का फैसला लगता है इन्हीं तीनों के बीच आगामी 23 मई को होगा। वैसे तो इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव में तीनों मुख्य राजनीतिक दल अपना अपना अंदर करंट मानकर अपने अपने राजनीतिक भविष्य को तय करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन यह अंडरकरेंट किसे कितना किस बुलंदियों तक पहुंचाएगा इसका फैसला तो परिणाम आने के बाद ही हो सकता है। कुल मिलाकर पांचवें चरण के चुनाव में मतदाताओं ने जिस सहनशीलता अदम्य साहस का परिचय दिखाया है उसकी जितनी सराहना की जाए कम है इसके लिए मतदाताओं के साथ ही चुनाव आयोग और उससे जुड़े अधिकारी कर्मचारी सुरक्षाकर्मी सभी बधाई के पात्र हैं जिन्होंने रात दिन की कड़ी मेहनत करके इस महापर्व को महापर्व बना दिया है। पांचवी चरण के सम्पन्न महापर्व को लक्ष्य प्रदान करने के लिए जिन जिन लोगों ने अपनी भूमिका निभाई महापर्व की इस बेला पर हम सभी को धन्यवाद