राजेश कुमार, विशेष संवाददाता
Key line times
Keylinetimes.com
बिना बुनियादी संसाधनों के अभाव में दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर आबकारी विभाग शराब माफियाओं से आखिर*
*कब तक ओर कैसे भिड़े?सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत*
मुजफ्फरनगर। जिला आबकारी विभाग दृढ़ इच्छाशक्ति होते हुए भी संसाधनों की कमी के चलते अपनी पूरी मुस्तैदी के साथ वह सब कुछ नहीं कर पा रहा है जो वह करना चाहता है इसका सबसे बड़ा मुख्य कारण यह है कि आबकारी विभाग के पास अब कोई ऐसा चोहपहिया वाहन तक नहीं है जिसके दम पर वह नकली शराब या इस तरह के काम करने वालों को दौड़ा सके मुजफ्फरनगर के तीनो इंस्पेक्टर हैं जो अपनी पीड़ा किसी को कह बीबी नही सकते लेकिन इंस्पेक्टर लेवल तक के अधिकारियों को मोटरसाइकिल पर अपने दम पर जूझना पड़ रहा है अब सवाल यह पैदा होता है कि आज के दौर में जहां अपराधी और माफिया हाईटेक हो चुके हैं ऐसे में आबकारी विभाग और ऊपर जाकर प्रगति करने की बजाय और नीचे के पायदान पर सरकता जा रहा है शासन स्तर पर इस प्रकार की गंभीरता को समझने की सख्त जरूरत है हाल ही में जिला आबकारी अधिकारी ए के सिंह के द्वारा जिलाधिकारी महोदय को एक प्रस्ताव भेजकर यह मांग की गई थी कि गाडि़यों की व्यवस्था होना आबकारी विभाग के लिए वर्तमान समय में नितांत जरूरी है लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई ठोस हल नहीं निकल पा रहा है क्षेत्र में जब कभी भी नकली शराब की बात होती है तो आबकारी विभाग को तुरंत कटघरे मैं खड़ा कर दिया जाता है तथा उस पर जवाबदेही भी लागू हो जाती है लेकिन यहां सवाल लाख टके का है कि हाईटेक हो चुके शराब माफिया को आबकारी पुलिस मोटरसाइकिल के दम पर कब तक और कैसे पकड़े यह आज का अंत्य सोचने का विषय है तो वही मुजफ्फरनगर सहित कुछ जिलों में नकली शराब के मामले में अक्सर चर्चा में बने रहते हैं हाल ही में नकली शराब के चलते बड़ी तादाद में लोग मारे गए लेकिन जब तक सरकार चेती थी तब तक जान का काफी नुकसान हो चुका था उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को चाहिए कि जिस प्रकार पुलिस को हाईटेक किया जा रहा है तथा अपराधियों पर लगाम कसी जा रही है तो ऐसे में आबकारी विभाग को सभी बुनियादी जरूरतें और संसाधन उपलब्ध कराए जाने की सख्त जरूरत है क्योंकि शराब से जुड़े मामले भी अक्सर गंभीर रूप और अपराध का आकार धारण कर लेते हैं।