अमेरिका और ईरान में बढ़ रहे तनाव के बीच सऊदी अरब को भारी नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि संयुक्त अरब अमीरात के अपतटीय क्षेत्र फुजैरा में सऊदी अरब के दो तेल के टैंकरों पर हमला हुआ है. लेकिन अब तक अमीरात की ओर से यह साफ़ नहीं हो सका है कि हमले के पीछे कौन जिम्मेदार है.
सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद अल फलीह ने कहा कि उनके दो तेल के जहाजों को काफी नुकसान पहुंचा है. फलीह ने बताया कि दोनों सऊदी तेल जहाज पर हमला उस वक्त हुआ जब दोनों जहाज अरब सागर को पार कर रहे थे.
वहीं, हमले के पीछे अमेरिका का हाथ होने की बात कही जा रही है. क्योंकि ईरान से बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका ने यह आगाह किया था कि ईरान क्षेत्र में समुद्री यातायात को निशाना बना सकता है. इसी चेतावनी की पृष्ठभूमि में पोतों पर हमले की खबर आई है. हालांकि, ईरान ने इस हमले की जांच करने की मांग की है.
गौरतलब है कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ने के बाद कथित खतरे का मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने फारस की खाड़ी में एक युद्धपोत, बी-2 बमवर्षक विमान, पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तैनाती की है. जो ऑर्लिंगटन खाड़ी में अब्राहम लिंकन स्ट्राइक समूह से जुड़े हैं.
जानकारों का कहना है कि अमेरिका ऐसा मनोवैज्ञानिक दबाव ईरान पर बढ़ाने के लिए कर रहा है. दोनों देशों के रिश्तों में 2015 से तब से खटास आ गई है जब से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ साल 2015 में हुई परमाणु संधि को तोड़ दिया था. इसके बाद ईरान पर अमेरिका ने दोबारा सभी प्रतिबंधों को लागू कर दिया था. इस विवाद के बाद अमेरिका ने आठ देशों को ईरानी तेल खरीदने की खत्म कर कर दी.