मोदी सरकार के एक बार फिर सत्ता में वापसी के साथ ही स्विट्जरलैंड ने भी अपने यहां बैंकों में पैसा रखने वाले भारतीयों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. स्विट्जरलैंड ने ऐसे भारतीयों के संबंध में सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. ब्लैक मनी जमा करने के लिए सबसे सुरक्षित जगह माने जाने वाले स्विटजरलैंड ने पिछले सप्ताह ही करीब एक दर्जन भारतीयों को इस संबंध में नोटिस थमाया है.
स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने मार्च से अब तक स्विस बैंकों के भारतीय ग्राहकों को कम से कम 25 नोटिस जारी कर भारत सरकार के साथ उनकी जानकारी साझा करने के खिलाफ अपील का एक आखिरी मौका दिया गया है.
स्विटजरलैंड के फेडरेल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा जारी किए गए नोटिसों का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि स्विस सरकार ने ऐसे खाताधारकों का नाम कई देशों के साथ साझा करने की प्रक्रिया को पिछले कुछ दिनों में तेज कर दिया है. खासकर अगर भारत की बात करें तो ऐसे मामलों में पिछले कुछ सप्ताह में तेजी देखी गई है. भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने विदेशों में कालाधन जमा करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर रखा है.
स्विट्जरलैंड सरकार ने गजट के द्वारा जारी सार्वजनिक की गयी जानकारियों में स्विस बैंकों में खाताधारकों का पूरा नाम न बताकर सिर्फ नाम के शुरुआती अक्षर बताए गए हैं. इसके अलावा उपभोक्ता की राष्ट्रीयता और जन्म तिथि का जिक्र किया गया है. गजट के अनुसार, सिर्फ 21 मई को 11 भारतीयों को नोटिस जारी किये गये हैं.
स्विस अधिकारियों ने जिन दो भारतीयों का पूरा नाम लिखा है उनके नाम हैं मई 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितंबर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं. हालांकि, इनके बारे में अन्य जानकारियों का खुलासा नहीं किया गया है.