चांदी के बर्तनों में संतुलित और पौष्टिक गुण होते हैं।
आर.के.जैन,मुख्य संपादक
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भोजन का संतुलित और पौष्टिक होना ही आवश्यक नहीं है, बल्कि भोजन परोसते समय किस बर्तन का इस्तेमाल किया जाए यह भी महत्वपूर्ण है। जिसका सीधा असर सेहत पर पड़ता है।
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पुराने समय में लोग खाने के लिए चांदी के बर्तनों का प्रयोग करते थे, जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। माना जाता है कि केले के पत्ते पर भोजन करना और चांदी के बर्तन में भोजन करना एक समान है, क्योंकि दोनों से ही शरीर को औषधीय लाभ मिलते हैं। चांदी शरीर के तापमान को ठंडा भी बनाए रखती है।
चांदी के बर्तन से बैक्टीरिया रहे दूर
चांदी के बर्तनों का प्रयोग खाने में करना लाभकारी होता है। इसलिए कटोरी, चम्मच और गिलास से लेकर थाली तक चांदी की ही प्रयोग करनी चाहिए। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ये बर्तन बैक्टीरिया फ्री होते हैं। इन बर्तनों को पानी में उबालने की जरूरत नहीं होती, इन्हें बस सादे पानी से ही साफ करना काफी है। वहीं स्टील के बर्तनों में स्वच्छता का खास ख्याल रखना पड़ता है।
बढ़ती है प्रतिरोधक क्षमता
मेटल के बर्तनों में गर्म भोजन करने से मेटल भोजन में मिलकर शरीर में चला जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। चांदी के बर्तनों के एंटी-बैक्टीरियल होने के कारण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
पानी रखे फ्रेश
चांदी के बर्तन प्राकृतिक रूप से गैर विषाक्त होते हैं। जिससे बैक्टीरिया दूर रहते हैं। पानी और अन्य लिक्विड इनमें रखने से उनकी ताजगी लंबे समय तक बरकरार रहती है।
शरीर को रखे ठंडा
चांदी की एक सबसे बड़ी विशेषता है कि इससे शरीर का तापमान सामान्य रहता है। यही कारण है कि महिलाएं पैर में चांदी की पायल और बिछुआ पहनती हैं।
चांदी के बर्तन में खाने के फायदे
चांदी एक ठंडी धातु है जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है। शरीर को शांत रखती है। चांदी के बर्तन में खाने से कई फायदे होते हैं। इससे दिमाग तेज होता है। आंखों की रोशनी बढ़ती है और आंखें स्वस्थ रहती हैं। इसके अलावा पित्तदोष, कफ और वायुदोष भी नियंत्रित रहते है। बच्चों को चांदी के गिलास में पानी और दूध पिलाने से पेट संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही सर्दी-जुकाम भी नहीं होता।
सेहत के रखवाले चांदी के बर्तन
डाइटीशियन डा. भावना बताती हैं कि पुराने समय में लोग कम से कम एक पानी का गिलास चांदी का जरूर रखते थे। ऐसा माना जाता था कि चांदी के गिलास में पानी पीने से पेट और त्वचा संबधी बीमारियां नहीं होतीं। कई बार तो लोग पानी के बर्तन में चांदी का सिक्का भी डालते हैं। एक बार फिर लोग इस ओर ध्यान दे रहे हैं और पानी का गिलास ही नहीं चांदी के अन्य बर्तनों का भी प्रयोग कर रहे हैं।
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