गाजियाबाद। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में उदघाटन होने के बाद हज हाउस से एक बार हज यात्रियों का जत्था भी रवाना हो चुका है लेकिन अभी तक हज हाउस हज समिति को हैंडओवर नहीं हुआ है। हैंडओवर ना होने की स्थिति में हज हाउस के बकाया बिजली का बिल कौन भरे इस पर रार चल रही है। हज हाउस पर पिछले लगभग डेढ़ साल से 1279791 रुपये बिजली का बिल बकाया है। कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज का कहना है कि हज कमेटी ने बिजली का इस्तेमाल किया है इसलिए वह बिल भरे और हज कमेटी का कहना है कि जिसके पास अभी इमारत है वह बिल भरे।
हज हाउस का लोकार्पण 2016 में अखिलेश यादव के हाथों हुआ था। 40 करोड़ की लागत से बने इस हज हाउस का लोकार्पण होने के बाद हज यात्रियों का एक जत्था रवाना भी हो चुका है। उसके बाद फरवरी 2018 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा सीवर टीट्रमेंट प्लांट की उचित व्यवस्था ना होने के कारण इसको सील कर दिया गया था। सील होने से पहले के इस्तेमाल का बिजली का बिल 1279791 है। जिसके भुगतान के लिए लगातार बिजली विभाग अल्पसंख्यक विभाग को पत्र लिख रहा है। लेकिन यह फैसला नहीं हो पा रहा है कि इसके बिजली का बकाया बिल कौन भरे। सीएंडडीएस के प्रोजेक्ट मैनेजर डीके भारद्वाज का कहना है कि लोकार्पण के बाद जत्था रवाना हुआ था और उस समय के इस्तेमाल के बिजली का बिल हज कमेटी को ही जमा कराना है। यूपी हज कमेटी के सचिव विनीत श्रीवास्तव का कहना है कि हज हाउस हमें हैंडओवर नहीं हुआ है तो इसका भुगतान हम नहीं करेंगे।