जेपी मौर्या, ब्यूरो चीफ,गाजियाबाद। अर्थला झील पर अगली सुनवाई से पहले अवैध मकानों को तोड़ा जाएगा। डीएम रितु माहेश्वरी का कहना है कि एनजीटी के सख्त आदेश हैं कि झील की जमीन पर बने मकानों को तोड़ दिया जाए। अब एनजीटी के आदेश का पालन किया जाएगा। इससे पहले हमारी कोशिश उन लोगों पर भी कठोर कार्रवाई करने की है जो लोग अर्थला की जमीन बेच कर निकल गए। इसके लिए मजिस्ट्रेट के माध्यम से जांच कराई जा रही है और वो रजिस्ट्री के आधार पर पता लगायेंगे कि वो कौन लोग थे जिन्होंने झील की जमीन को बेचा है।
डीएम रीतू माहेश्वरी का कहना है कि झील की जमीन बेचने वालों पर भूमाफिया अभियान के तहत सख्त कार्यवाही की जाएगी। बाकी अवैध मकानों को प्रशासन निर्धारित समय पर तोड़ने की कार्यवाही करेगा। आपको बता दें कि अर्थला झील की जमीन पर बने 550 मकानों को तोड़ने के लिए एनजीटी आदेश दे चुकी है। अब इस मामले में 10 जुलाई को अगली सुनवाई होनी है, जिसमें जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब की गई है। उधर, अर्थला निवासियों की याचिका एनजीटी में खारिज हो गई है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोगों को अपने मकान ध्वस्त होने का खतरा सता रहा है। इस मामले को लेकर कुछ लोग हाईकोर्ट भी गए हुए हैं। इन सभी के बीच प्रशासन की पहली कोशिश उन लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की है, जिन्होंने सरकारी जमीन को बेचकर करोड़ों रुपया कमा लिया और फिर धीरे से निकल गए। ऐसे सभी लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए अर्थला झील की जमीन से जुड़ी सभी रजिस्ट्री की जांच की जा रही है। रजिस्ट्री पर दर्ज लोगों के नाम व पतों की भी जांच हो रही है।